अध्यक्ष -
बिहार उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में चलने वाली पसमांदा तहरीक राजनीतिक हिस्सेदारी और राजनीतिक समानता के लिए लड़ने वाली संवैधानिक लड़ाई है, राजनीति में पिछड़ा हुआ मुसलमान अपनी सियासी तरक़्क़ी चाहता है, और अगर देश की बड़ी मुस्लिम पसमांदा आबादी सियासी हक़ चाहती है तो समानता और न्याय की बात करने वाले समाज के सभी साथियों समेत दल के नेताओं - कार्यकर्ताओं को पसमांदा तहरीक का स्वागत करना चाहिए।
व्यक्तिगत द्वेष और नफ़रत का सवाल ही पैदा नहीं होता, हम एक सफ़ में खड़े होकर रब की बारगाह में हाज़िरी लगाने वाले इंसाफ़-पसंद लोग हैं, अपने समाज के साथ हो रहे सियासी मतभेद और ना-इंसाफी के लिए हमारा एजेंडा स्पष्ट है कि हम बिना किसी मतभेद - मनभेद के अपनी सियासी हिस्सेदारी चाहते हैं, जो हमारा हक़ है, इसपर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए और ना ही ये दलील देनी चाहिए कि हम मुस्लिम समाज के अन्य उच्च वर्गों के विरुद्ध हैं, बिल्कुल भी ऐसा नहीं है, मुझे उम्मीद है कि पसमांदा मुस्लिम समाज के सियासी हक़ और हुक़ूक़ को सभी वर्गों का साथ सहयोग और समर्थन मिलेगा, इंसाफ़ मिलेगा।
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You are doing good work. i appreciate your work.
Well doing for child welfare